Posts

Showing posts from 2020

गली का प्रेत परिवार जीने गली खाली करवा दी

व्यक्ति का पूरा परिवार ही एक साथ समाप्त हो गया था, जिसके बाद पूरी गली में भूतों का जमघट होने का शोर मचा। और बहुत से लोग गली छोड़कर चले गए, और कुछ लोग इसी वजह से अपना खुद का मकान आनन फानन में सस्ते दामों में बेंचकर कहीं और चले गए। दरअसल जब उनका पूरा परिवार समाप्त हो गया और उन लोगों की अन्त्येष्ठि कृया आदि हो गई।तब उन लोगों के रिश्तेदार और परिवार के सभी लोग उस घर का सामान आदि सब कुछ अपने साथ लेकर चले गए और बोले ये मकान बेंचा जाएगा जब कोई ग्राहक मिल जाएगा तब। गरमी का मौसम था इसलिए उस गली के ज्यादातर लोग अपने छतों पर सोते थे, वो लोग भी जिनके घर मौतें हुई थीं। उस रात उस घर के दोनों पड़ोसी और गली में भी कुछ लोग छत पर सोये थे, तभी दोनों पड़ोसियों के परिवार के लोगों को एक साथ कई लोगों के हंसने और बात करने की आवाज आई। रात के करीब एक बज रहे थे, और सभी लोग गहरी नींद में थे, तो आवाज सुनकर सबकी नींद खुल गई। दोनों पड़ोसियों ने अपने छतों से उनके घर में झांककर देखा तो नीचे लांन में उनका पूरा परिवार पति पत्नी दोनों बच्चे और कुत्ता सभी बैठकर बातें कर रहे थे और बात बात पर हंस भी रहे थे। फिर दोनों परिवार

शरिया क्या सच मे अच्छा कानून है ? शरिया में पीड़िता को दंड

Image
जब भी क़ानूनी कार्यवाई के बावजूद किसी निर्दोष को अत्यंत क्रूर सजा मिलने की बात निकले तो सबसे पहले ईरान-ईराक जैसे खाड़ी देशों का ही नाम जहन में आता है. मुस्लिम बहुसंख्या वाले इन देशो में पिछले कुछ सालो तक भी शरिया कानून अपनाया जाता था, जो कुछ जगहों पर शायद आज भी जारी है. यह शरिया कानून (Sharia law) महिलाओ के साथ बहुत भेदभाव करता है और जरा सी गलती पर भी उन्हें क्रूर सजा देने का प्रावधान रखता है. आप में से अधिकतर लोग जानते होंगे कि आज भी कुछ खाड़ी देशों में महिलाओ को वोट देने, गाड़ी चलाने या यहाँ तक की स्टेडियम में बैठकर मैच या सिनेमाहॉल जाकर फिल्म देखने की भी इजाजत नहीं होती। महिलाओं के लिए इन सभी कामो को वहां गैरकानूनी कहा गया है और इसका उलंघन करने पर उन्हें अपने परिवार के साथ-साथ कानून की सजा का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन इस सबमे भी सबसे क्रूर सजा दिए जाने का जो मामला दुनिया के सामने आया था, वो ईरान की 16 वर्षीय मासूम लड़की अतीफेह रजबी सहलीह (Atefeh Rajabi Sahaaleh) का मामला है. इस मासूम लड़की की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने सरिया कानून वाले एक देश में कुछ हद से ज्यादा गिरे हुए लोगो के बीच म

क्या वो स्वयं राम लखन थे ?

मुझे नहीं मालूम कि भगवान शकल सूरत मे कैसे हैं, अतः अगर दर्शन हुए भी हैं तो मैं उन्हें पहचान नहीं पाया हूं। पर मनुष्य के रूप में कई बार मेरी संकटों मे सहयता करनेवाले व्यक्तियों को भी मैं ईश्वर काही रूप मानता हूँ। ईश्वर की व्यवस्था कैसी होती है और कैसे करवाते हैं इस समंबन्ध मे अपने जीवन की एक सत्य घटना आप सबसे शेयर कर रहा हूँ। धटना का सही वर्ष मुझे याद नहीं आरहा है शायद 1992-अक्तूबर रहा होगा । मै और मेरे दोमित्र जो आयु में मुझ से बडे थे पं लक्ष्मी नारायण शर्मा और लाला सुशील अग्रवाल तीनों ने ईश्वर प्रेरणा से एक साथ अचानक चित्रकूट जाने का प्रोग्राम बनाया और चित्रकूट पहुंच गये। हमारे तीनों के पास एक एक बेडिंग और एक एक बैग जिसमें अन्य जरूरत का सामान था लेकर मंदाकिनी गंगा के तट पर बने बने होटल, लाज आदि रहने के लिए तलाश कर रहे थे पर कुछ हमारी क्षमता से अधिक महगें थे और कुछ मे हमें साफ सफाई पसंद नहीं आरही थी। जब काफी देर तक हम किसी निश्चय पर नही पहुंचे तो यह तय किया कि मंदाकिनी स्नान कर ने के बाद कोई व्यवस्था देखेंगे। स्नान के बाद तट पर पूजा की और वहीं बने एक ढाबा टाइप रेस्टोरेंट में नाश्ता किय

ताजमहल से भी सुंदर मंदिर

Image
यह मंदिर कच्छ, गुजरात में "स्वामीनारायण मंदिर" है

अधूरे ज्ञान का नुकसान kahani

अधूरा ज्ञान किस हद तक विनाश कर सकता है? पुराने समय में एक व्यक्ति अपने गांव के लोगों के छोटे-छोटे काम करके किसी तरह खाने व्यवस्था करता था। उसके परिवार में कोई नहीं था। वह अकेला था, एक दिन गरीबी से तंग आकर उसने सोचा कि उसे बड़े नगर में जाना चाहिए, वहां ज्यादा काम मिलेगा और ज्यादा धन कमाने के अवसर मिल सकते हैं। वह व्यक्ति गांव के करीब स्थित बड़े नगर पहुंच गया। गांव से निकलने के बाद जब वह नगर में पहुंचा, तब तक उसने कुछ खाया नहीं था। भूख की वजह से उसकी हालत खराब हो रही थी। उसने वहां के लोगों से खाने देने के लिए प्रार्थना की, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। भूख से बेहाल होकर पर रास्ते में ही बैठ गया। तभी एक सेठ की नजर उस लड़के पर पड़ी तो उसने उसे बुलाया। भूखे व्यक्ति पर उसे दया आई और खाना दिया। गरीब व्यक्ति ने सेठ से कहा कि आप कृपया मुझे कोई काम दे दें, मैं कड़ी मेहनत करूंगा, आपको शिकायत का कोई मौका मिलेगा। सेठ ने उसे अपने यहां काम पर रख लिया। वह लकड़ियों का व्यापार करता था। उसने व्यक्ति से कहा कि जंगल में पेड़ काटने का काम है, तुम चाहो तो ये काम कर सकते हो। गरीब व्यक्ति इस काम के लिए तैयार

badrinath ke wo sant

यह घटना मैंने एक या दो लोगों को ही बताई है। सामान्यतः आध्यात्मिक मार्ग में चमत्कारों को तव्वजो नहीं देनी चाहियें परन्तु फिर भी आध्यात्मिक मार्ग में अलौकिक घटनाएं घटती हीं हैं। मैं और मेरे मित्र भागवत जी सुनने के लिये लगभग 9 दिन बद्रीनाथ धाम में रहे। तो एक दिन दोपहर को खाली समय में हम धाम के बायीं तरफ नीचे जाते समय जो शिव जी का मंदिर है, वहां दर्शन को बैठे और जप किया। दर्शन के बाद बाहर दरवाजे के बायीं और बैठे पंडित जी को देने हेतु मैंने एकमात्र 50 का नोट बाहर निकाला और दिया। परन्तु पंडित जी ने फटा टेप लगा नोट बताकर वापिस कर दिया और बोले हमनें आगे जमा करने होते हैं, फिर वो आपत्ति करते हैं। By chance मेरे पास उस समय वही एक नोट जेब में शेष था। तभी एक अत्यन्त वयोवृद्ध लगभग 80 वर्ष से ऊपर के सफेद उज्ज्वल लंबी दाढ़ी झुर्रियों वाले कपूर के समान साधु जो दरवाजे के दायीं तरफ बैठे थे और ऊपरोक्त बातचीत देख सुन रहे थे, उन्होंने बिना बोले इशारे से अपनी हाथ आगे बढ़ाया और पचास का नोट देने का इशारा किया। मैंने भी वो पुराना नोट उनके हाथ में दे दिया, उन्हीने हाथों हाथ पलक झपकते ही नया करारा कडकडाता हुआ 50 क

maa ki mamta story

Image
मा का प्यार , ममता व उसकी महत्ता एक घटना से समझते है। उस दिन ट्रेन चार घंटे देरी से चल रही थी। सोनू वैसे ही घर से लड़-लड़ा कर निकला था, सो मम्मी ने जो पराँठे बना के रखे थे वो भी वह गुस्से में अपने बेग से निकाल कर चोरी-छिपे धीरे-से फ़्रिज पर रख आया था। चूँकि नाराज़गी घरवालों से थी पेट से तो नहीं; सो स्टेशन से चिप्स, बिस्किट के एक-दो पैकेट ले लिये थे और आधे लीटर की एक कोल्डड्रिंक की बोतल भी। किनारे की सिंगल सीट पर वो खिड़की की मोटी-आढ़ी लोहे की जालियों में मुँह घुसाए बैठा था और ठंडी हवा का आनंद ले रहा था जो उसके बालों को तितर-बितर कर रही थी। अभी उसका गंतव्य आने में सात-आठ घंटे थे और अब उसे रह-रह कर भूख लग रही थी जो बढ़ते वक़्त के साथ और बढ़ती जा रही थी। चूँकि वो जनरल का डिब्बा था तो उजाला होने तक आने वाले चने, उबले बेर, भेलपूरी और दस के दो समोसे वाले भी अब अपना सारा माल बेच चुके थे और उस डिब्बे में नहीं थे। जब ये सब आवाज़ लगा रहे थे, आ-जा रहे थे तब वो कान में इयरफ़ोन लगा चिप्स-बिस्किट, कोल्डड्रिंक के मज़े ले रहा था। अब कोई बड़ा स्टेशन भी नहीं आना था जहाँ से वो कुछ और खाने को ख़रीद सकता था। बगल की लंबी

हिन्दू धर्म के अनुसार सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए,

Image
हिन्दू धर्म के अनुसार सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, क्या आप इसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तर्क दे कर अच्छे से समझा सकते हो, आखिर ऐसा क्यों है ? सावन में दूध नहीं पीना चाहिए, यह बात सही है, कुछ लोग कहते हैं कि कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए। हिन्दू धर्म के नियमों के मुताबिक सावन में दूध ना पीने की सलाह दी गई है। कहीं-कहीं कहा जाता है कच्च दूध नहीं पीना चाहिये सावन में तो कहीं कहा जाता है दूध ही नहीं पीना चाहिए। देखते हैं वास्तविकता क्या है नियम - कच्चा दूध सावन में भगवान शिव को अर्पित किया जाता है इसलिए सावन में इनका सेवन करने से बचना चाहिए। [1] उस समय बुजुर्गों ने विज्ञान की जगह धर्म और आस्था से जोड़ दिया इसके कारण इसे धार्मिक मान्यता मिल गई, बाद में विज्ञान के बढ़ने के साथ इस पर शोध कर इसके पीछे वैज्ञानिक कारण दिए गए। ऐसे में यह नियम भी उस समय बना जब विज्ञान की बजाय धार्मिक नियम सर्वोपरि थे तो धर्म और आस्था जोड़ दी। क्या कहते हैं डॉक्टर? चित्रः दूध डॉक्टर तो सावन क्या किसी भी महीने में कच्चा दूध पीने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है कि कच्चा दूध पीने से ब्रूसेलोसिस नाम की

नेहरू जी सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन के लिए नहीं गए थे क्या मोदी जी को भी अयोध्या नहीं जाना चाहिए?

Image
पढ़िए आखिर ये मुद्दा शुरू कैसे हुआ।।।। नेहरू सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में नहीं गए थे, इसलिए मोदी भी राम मंदिर के भूमि पूजन में न जाएं? पत्रकार का ट्वीट, लोग बोले- बाबर, औरंगजेब को जगाने का न करो प्रयास नेहरू सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में नहीं गए थे, इसलिए मोदी भी राम मंदिर के भूमि पूजन में न जाएं? पत्रकार रोहित सरदाना का ट्वीट, लोग बोले- बाबर, औरंगजेब को जगाने का न करो प्रयास।। नेहरू सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में नहीं गए थे, इसलिए मोदी भी राम मंदिर के भूमि पूजन में न जाएं? पत्रकार का ट्वीट, लोग बोले- बाबर, औरंगजेब को जगाने का न करो प्रयास सरदाना ने ट्वीट कर लिखा 'क्योंकि पं.जवाहर लाल नेहरू सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं गए थे इसलिए नरेंद्र मोदी भी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि-पूजन में न जाएँ? फिर मोदी और नेहरू में अंतर क्या रहेगा?' पढ़िए सोमनाथ की कहानी ।। सोमनाथ मंदिर के लिए देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। ये जगजाहिर है कि जवाहल लाल नेहरू सोमनाथ मंदिर के पक्ष में नहीं थे. सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का काम शु

भूत प्रेत की सच्ची कहानी

एक समय की बात है, मैं उस समय दिल्ली के बदरपुर नाम की जगह पर रहता था। उस समय मेरी उम्र 10–15 साल की बीच रही होगी। हमारी गली मे ही एक आंटी रहती थी और हम पूरी गली मे एक दुसरे को बहोत अच्छी तरह से जानते थे। उस समय हमारे मोहल्ले मे बिजली की बोहोत ज्यादा समस्या थी और रात के 8 बजते ही लाइट कट जाती थी और फिर रात को 12–1 बजे के बीच मे आती थी। खैर शाम तक वह दिन सामान्य सा था, हम सब गली के बच्चे छुपन छुपाई खेल रहे थे और खेल ख़तम होने के बाद हमें पड़ोस की ही एक आंटी ने सबको पार्टी मे बुलाया और उस दिन उनकी शादी की सालगिरह थी। हम सभी बच्चे तैयार हुए और उन आंटी के यहाँ गए, हमारे पड़ोस मे एक फैमिली रहती थी और उनके यहाँ तीन बेटियां थी, बड़ी लड़की का नाम मंजू था, बीच वाली लड़की का नाम संजू था और सबसे छोटी वाली बहन का नाम रिंकी था. उस समय पार्टी मे बस मैं मेरे और दोस्त और वो संजू नाम की लड़की भी थी। इस घटना मे आगे बढ़ने से पहले मैं अपने घर के आस पास की जगह का विश्लेषण दे दू । हमारी गली के अंतिम भाग मे एक छोटी सी पहाड़ी है और उसके बाद नाला और नाले के उस पार हरयाणा राज्य के गांव शुरू हो जाते थे और वह पहाड़ी बहोत पुर

fake rape real story

Image
Fake Rape की एक सत्य घटना। एक 16 साल की लड़की अपने पिता पर बलात्कार का और उससे प्रेग्नेंट होने का आरोप लगाती है, F.I.R लिखी जाती है, लोअर कोर्ट मे केस चलता है, बाप को दोषी करार किया जाता है और 10 साल की कैद होती है, परिवार वाले लड़की के आरोप को चुनौती देने केस highcourt मे ले जाते हैँ, तब तक उस आदमी की सजा पूरी हो जाती है, आदमी की मृत्यु भी हो जाती है और 22 साल बाद highcourt से फैसला आता है की वो निर्दोष है, उस लड़की ने पिता के ऊपर ही झूठा आरोप लगाया था ये एक सत्य घटना है जो हमारे कानून का कमजोर पहलू बयां करती है, डिफेन्स के M.E.S मे इलेक्ट्रीशियन कपिल कुमार बैरी दिल्ली कैंट मे रहते थे, एक दिन 13 जनवरी 1996 को दिल्ली कैंट के पुलिस स्टेशन मे उन्ही की 16 वर्षीय लड़की ने कम्प्लेन की की उसका बाप उससे पिछले 5 साल से रेप कर रहा है और वो प्रेग्नेंट है। पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और कपिल कुमार को तुरंत अरेस्ट कर केस फ़ाइल किया,कपिल कुमार बोलते रह गये की वो बेकसूर हैँ, डीएनए टेस्ट करवा ले पर कोर्ट ने उनकी एक ना सुनी लोअर कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई कपिल कुमार को। परिवार मे उनकी बीवी उनके लड़को को ये

मोबाइल का पिन

#समय_हो_तो_जरूर_पढ़ें … ट्रैन के कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी लड़की ने मुझसे पूछा " हैलो, क्या आपके पास इस मोबाइल की पिन है??" उसने अपने बैग से एक फोन निकाला था, और नया सिम कार्ड उसमें डालना चाहती थी। लेकिन सिम स्लॉट खोलने के लिए पिन की जरूरत पड़ती है जो उसके पास नहीं थी। मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और सीट के नीचे से अपना बैग निकालकर उसके टूल बॉक्स से पिन ढूंढकर लड़की को दे दी। लड़की ने थैंक्स कहते हुए पिन ले ली और सिम डालकर पिन मुझे वापिस कर दी। थोड़ी देर बाद वो फिर से इधर उधर ताकने लगी, मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने पूछ लिया "कोई परेशानी??" वो बोली सिम स्टार्ट नहीं हो रही है, मैंने मोबाइल मांगा, उसने दिया। मैंने उसे कहा कि सिम अभी एक्टिवेट नहीं हुई है, थोड़ी देर में हो जाएगी। और एक्टिव होने के बाद आईडी वेरिफिकेशन होगा उसके बाद आप इसे इस्तेमाल कर सकेंगी। लड़की ने पूछा, आईडी वेरिफिकेशन क्यों?? मैंने कहा " आजकल सिम वेरिफिकेशन के बाद एक्टिव होती है, जिस नाम से ये सिम उठाई गई है उसका ब्यौरा पूछा जाएगा बता देना" लड़की बुदबुदाई  "ओह्ह "

नेत्रदान एक कहानी

Image
*जन्मदिन  का  उपहार* मैं सुचित्रा, आज मेरा जन्मदिन है। सचिन ने सुबह ही कहा :- "आज कुछ बनाना नहीं। लंच के लिए हम बाहर चलेंगे। तुम्हारे जन्मदिन पर आज तुम्हें एक अनोखी ट्रीट मिलेगी।" 15 साल हो गए हमारी शादी को। मैं सचिन को बहुत अच्छे से जानती हूँ। दोनों बच्चे शाम 4 बजे स्कूल से लौटेंगे यानी लंच पर मैं और सचिन ही जाएँगे और बच्चों के आने से पहले लौट भी आएँगे। एक नए बने मॉल की पार्किंग में हमारी गाड़ी पहुँची।  5वी मंजिल पर खाने पीने के ढेरों स्टॉल्स थे  फाइनली एक बंद द्वार पर हम पहुँचे। द्वार पर एक बोर्ड लगा था, जिसपर लिखा था : “Dialogue in the dark” मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। "अंधेरे में संवाद" ? ये कैसा नाम है, रेस्टॉरेंट का ? बड़ा विचित्र लग रहा था सब कुछ।  अगले मोड़ के बाद इतना अंधेरा हो गया कि, मैंने सचिन का हाथ पकड़ लिया और  फिर शायद हम एक हॉल में पहुँचे।   एक सूटबूट धारी आदमी ने किसी को आवाज लगाई :- "संपत।" “ये आज के हमारे स्पेशल गेस्ट हैं। आज मैडम का बर्थडे है। गिव देम स्पेशल ट्रीट। ऑर्डर मैंने ले लिया है, तुम इन्हें इनकी टेबलपर लेकर जाओ। अब उस दूसरे

क्योंकि मैं रिस्क नहीं लेता

Image
कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता। . . . . मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी। हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है। मैं छुपके से घर में घुस गया काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता। . . . . . . . मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला और फटाक से एक पेग गटक लिया। गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया। बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं . . . . . मैंने रसोई में झांका बीवी आलू काट रही है। किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता। . . . . . मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ? बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए। . . . . . मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला

वास्कोडिगामा क्या सच मे हीरो ?

Image
मैं उन्हें अपनी शक्ति का एहसास दिखा चुका हूं जब राजा ने ने मुझे एक दूत भेजा तो मैंने उसके होंठ काट कर और उसके कान की जगह अपने जहाज के कुत्ते के कान लगाकर, उसको लोहे के बिस्तर पर बिठा कर वापस भेज दिया वे अब सदैव के लिए हमसे भय खाएंगे. जिस समय वास्कोडिगामा भारत आया था तब पुर्तगाल जाकर उसने अपने राजा को ऊपर लिखी बातें बताई थी यह बातें ही इस बात का सबूत है कि भारत में आकर उसने कितनी क्रूरता दिखाइ। भारत में कभी भी वास्कोडिगामा के बारे में नहीं बताया जाता, किताबों में लिखा होता है कि वास्को डी गामा ने भारत की खोज की. ये पढ़ कर ऐसा लगता है जैसे वास्कोडिगामा बहुत बड़ा खोजकर्ता और महान समुद्री पायलट था लेकिन वास्तविकता इससे बहुत उल्टी हुई थी तो हमारे सामने तीन मुख्य सवाल है जिसमें से पहले पहले सवाल है  वास्कोडिगामा भारत क्यों आया था? रोमन काल से ही यूरोप और मध्य एशिया भारत से आने वाले मसालों के बहुत बड़े शौकीन थे काली मिर्च, दालचीनी और इस तरह के अनेक स्वाद बढ़ाने वाले और औषधीय कारणों से इस्तेमाल होने वाले मसालों का एक बहुत बड़ा व्यापार यूरोपियन लोगों से होता था. भारत के मसाले इतने महत्वपूर्ण थे