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Showing posts from July, 2021

श्री कृष्ण लीला, jai shri krishna

संत की संगति एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को प्रणाम ज़रूर करता था। एक दिन किरात संत से बोला, "बाबा मैं तो मृग का शिकार करता हूँ, आप किसका शिकार करने जंगल में बैठे हैं.?" संत बोले, "श्री कृष्ण का", और फूट फूट कर रोने लगे। किरात बोला, "अरे, बाबा रोते क्यों हो ? मुझे बताओ वो दिखता कैसा है ? मैं पकड़ के लाऊंगा उसको।" संत ने भगवान का वह मनोहारी स्वरुप वर्णन कर दिया....कि वो सांवला सलोना है, मोर पंख लगाता है, बांसुरी बजाता है। किरात बोला, "जब तक आपका शिकार पकड़ नहीं लाता, पानी भी नही पियूँगा।" फिर वो एक जगह जाल बिछा कर बैठ गया... 3 दिन बीत गए प्रतीक्षा करते करते, दयालू ठाकुर को दया आ गयी, वो भला दूर कहाँ है, बांसुरी बजाते आ गए और खुद ही जाल में फंस गए। किरात तो उनकी भुवन मोहिनी छवि के जाल में खुद फंस गया और एक टक शयाम सुंदर को निहारते हुए अश्रु बहाने लगा, जब कुछ चेतना हुयी तो बाबा का स्मरण आया और जोर जोर से चिल्लाने लगा शिकार मिल गया, शिकार मिल गया, शिकार मिल गया, और ठाकुरजी की ओर देख कर बोला, &q

हिन्दू धर्म की खूबसूरती

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शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब ने 7 वर्ष तक कारागार में रखा था। वह उसको पीने के लिए नपा-तुला पानी एक फूटी हुई मटकी में भेजता था तब शाहजहाँ ने अपने बेटे औरंगजेब को पत्र लिखा जिसकी अंतिम पंक्तियां थी- "ऐ पिसर तू अजब मुसलमानी, ब पिदरे जिंदा आब तरसानी, आफरीन बाद हिंदवान सद बार, मैं देहदं पिदरे मुर्दारावा दायम आब" अर्थात् हे पुत्र ! तू भी विचित्र मुसलमान है जो अपने जीवित पिता को पानी के लिए भी तरसा रहा है। शत शत बार प्रशंसनीय हैं वे 'हिन्दू' जो अपने मृत पूर्वजों को भी पानी देते हैं। 🙏 #इसाई_धर्म . ईसा एक है बाइबिल एक। फिर भी, लेटिन कैथलिक, सीरियन कैथलिक, मारथोमा, पेंटेकोस्ट, सैल्वेशन आर्मी, सेवेंथ डे एडवांटिष्ट, ऑर्थोडॉक्स, जेकोबाइट जैसे 146 फिरके आपस में किसी के भी चर्च में नहीं जाते। . #इस्लाम_धर्म . अल्लाह एक, कुरान एक, नबी एक। . फिर भी शिया, सुन्नी, अहमदिया, सूफी, मुजाहिद्दीन जैसे 13 फिरके एक दूसरे के खून के प्यासे। सबकी अलग मस्जिदें। साथ बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकते। धर्म के नाम पर एक-दूसरे का कत्ल करने को सदैव आमादा। . #हिन्दू_धर्म . 1280 धर्म ग्रन्थ 10 हज़ार से ज्यादा जा

जमाती ने चोर को ढूंढा,सच्ची कहानियां,सच्ची आस्था कीमानो या ना मानो

एक हैरानी भरा वाकया ! जिसे आप शायद ही यकीन करेंगे। हमारे एक वकील साहब है।अच्छा पैसा कमाते हैं। उन्होंने अपने ऑफिस में हेल्प करने के लिए एक बच्चा रखा जो कि 10 साल का था। उसे पढाया लिखाया और उसे एलएलबी भी करा दिया। बच्चे का काम था फाइलें संभाल के रखना, किताबें संभाल कर रखना, ऑफिस खोलना और अन्य काम जो वकील साहब बताते थे। वकील साहब उसे तनखा भी देते थे। वह लड़का एक गांव से आया था और पिता नहीं थे तो वकील साहब उसे पितातुल्य प्रेम करते थे। उसके घर के खर्चे के लिए भी पैसा भेज देते ।जब वह एलएलबी करने लगा तो वकील साहब उसे अपने साथ कोर्ट में ले जाने लगे। इस कारण से वह कोर्ट के काम भी सीख गया और लोग उसे वकील साहब का असिस्टेंट समझने लगे। वकील साहब ने उसे बचपन से पाला था तो उसे वह अपने बेटे समतुल्य मानते थे।अब जब भी कोई क्लाइंट फीस देकर जाता तो वकील साहब उसको पकड़ा देते। जिसे वह अलमारी में रख देता। अब वह वकील साहब का राइट हैंड बन गया था। वकील साहब बैंक से पैसा लाना या बैंक में पैसा जमा करना व वाले काम भी इससे कराने लगे थे।वकील साहब के घर की और ऑफिस की चाबी भी उस लड़के के पास रहने लगी। वकील साहब को उस

पिता ने जब सब बेंचकर बेटी के प्यार की कीमत चुके

निष्ठुर ट्रेन में समय गुजारने के लिए बगल में बैठे अधेड़ से बात करना शुरु किया। " आप कहाँ तक जाएंगे अंकल। " " इलाहाबाद तक । " हमने ठिठोली की " कुंभ लगने में तो अभी बहुत टाइम है । " " वहीं तट पर इंतजार करेंगे कुंभ का .....बेटी ब्याह लिए , अब तो जीवन में कुंभ नहाना ही रह गया है । " " अच्छा परिवार में कौन कौन है । " " कोई नहीं बस बेटी थी पिछले हफ्ते उसका ब्याह कर दिया । " " अच्छा ! दामाद क्या करता है । " " उ हमरे बेटी से पियार करता है । " कहते हुए उसने आंखें पंखे पर टिका दी । थोड़ी देर की चुप्पी के बाद जब मैन उनके कंधे पर हाथ रखकर धीरे से कहा " दुख बांटने से कम होता है अंकल " तो मानों भाखडा बांध के चौबीसो गेट एक साथ खुल गए । थोडा संयत होने के बाद उन्होंने बताया..." बेटी ने कहा अगर उससे शादी नहीं हुई तो जहर खा लेगी । बिन मां की बच्ची थी उसकी खुशी के लिए सबकुछ जानते हुए भी मैंने हां कह दी और पूरे धूमधाम से शादी की व्यवस्था में जुट गया जो कुछ मेरे पास था सब गहने जेवर आवभगत की तैयारियों में लगा दिया ।