जमाती ने चोर को ढूंढा,सच्ची कहानियां,सच्ची आस्था कीमानो या ना मानो

एक हैरानी भरा वाकया !

जिसे आप शायद ही यकीन करेंगे।

हमारे एक वकील साहब है।अच्छा पैसा कमाते हैं। उन्होंने अपने ऑफिस में हेल्प करने के लिए एक बच्चा रखा जो कि 10 साल का था। उसे पढाया लिखाया और उसे एलएलबी भी करा दिया। बच्चे का काम था फाइलें संभाल के रखना, किताबें संभाल कर रखना, ऑफिस खोलना और अन्य काम जो वकील साहब बताते थे। वकील साहब उसे तनखा भी देते थे। वह लड़का एक गांव से आया था और पिता नहीं थे तो वकील साहब उसे पितातुल्य प्रेम करते थे। उसके घर के खर्चे के लिए भी पैसा भेज देते ।जब वह एलएलबी करने लगा तो वकील साहब उसे अपने साथ कोर्ट में ले जाने लगे। इस कारण से वह कोर्ट के काम भी सीख गया और लोग उसे वकील साहब का असिस्टेंट समझने लगे। वकील साहब ने उसे बचपन से पाला था तो उसे वह अपने बेटे समतुल्य मानते थे।अब जब भी कोई क्लाइंट फीस देकर जाता तो वकील साहब उसको पकड़ा देते। जिसे वह अलमारी में रख देता। अब वह वकील साहब का राइट हैंड बन गया था। वकील साहब बैंक से पैसा लाना या बैंक में पैसा जमा करना व वाले काम भी इससे कराने लगे थे।वकील साहब के घर की और ऑफिस की चाबी भी उस लड़के के पास रहने लगी। वकील साहब को उस लड़के के ऊपर इतना यकीन हो गया कि अब वह अलमारी में रखे पैसे गिनते भी नहीं थे।एक दिन बैंक से वकील साहब पीपीएफ अकाउंट से ₹700000 लेकर आए और वह पैसा उन्होंने अलमारी में रख दिया। यह पैसा वह अपनी बेटी की शादी में खर्च करने वाले थे। 5 या 6 दिन के बाद वकील साहब को पैसों की जरूरत पड़ी तो वहां पर पैसा नहीं था।

वकील साहब हैरान हुए कि पैसा कहां गया? घर में सभी से पूछ लिया। उस बच्चे से भी पूछ लिया पर सब ने कहा कि उनमें से किसी ने पैसा नहीं लिया। वह बहुत परेशान थे ।उनकी नींद उड़ गई। तीन-चार दिन के बाद वह अपने नाई के पास बाल कटाने के लिए गए तो अपने पैसे चोरी होने की घटना उन्होंने उस नाई से की और अपनी परेशानी भी बताई। वह नाई उनको 20 साल से अपनी सेवाएं दे रहा था इसलिए एक अच्छा सा रिश्ता दोनों के बीच बना हुआ था। वकील साहब ने बिना फीस के उस नाई की दुकान का केस भी लड़ा था इसलिए वह नाई उनकी बहुत इज्जत करता था।

वकील साहब के घर में चोरी की बात सुनकर उसने कहा कि आजकल मुस्लिम लोग जिन्हें जमाती के नाम से भी जाना जाता है, वह आए हुए हैं। वैसे तो यह लोग धामपुर में रहते हैं परंतु कुछ दिनों से देहरादून में है। यह जमाती आपको आपके पैसे के बारे में पूरी सूचना दे सकता है। जब गाँव में गाय या भैस चोरी हो जाती हैं तो यह लोग गाय या भैस जहाँ भी होती हैं बता देते हैं।

वकील साहब ने कहा कि चलो ये भी देख लेते हैं कि पैसे किसने चोरी की है पता चल जाएगा। जमाती को बुलाया गया। जमाती ने डिमांड की कि एक छोटा बच्चा जो 6 साल का हो उसे लेकर आ जाओ।ये सभी लोग वकील साहब के ऑफिस में बैठ गए।

जमाती ने उस छोटी बच्ची के सिर पर हाथ रखा और कहा कि बेटी जो भी दिख रहा है, उसे बताते रहो। अब छोटी बच्ची ने बताना शुरू किया कि देखो वह नोट निकाल रहा है।अब गिन रहा है। अब अपने बैग में रख रहा है। फिर दोबारा निकाल रहा है। गिन रहा है। फिर रख रहा है। अलग-अलग नोट है।अब उसने बहुत बड़ा बैग निकाला है। उसमें से बहुत बड़ा बंडल निकाला है और अपने बैग में डाला है। उसने लाल कमीज पहनी है।

जमाती ने कहा कि इसको अगर फोटो दिखा दी जाए तो यह पहचान लेगी। घर के जितने भी लोग हैं सब की फोटो दिखा दी जाए। वकील साहब ने जितने भी उनके क्लाइंट की फोटो या जानने वालों की फोटो, घरवालों की फोटो दिखाई तो उस बच्ची ने उन सभी फोटो में से उस लड़के को पहचान लिया जिसने पैसे चुराए थे। उसने फोटो में हाथ लगा कर दिखाया कि यह वह लड़का है जो नोट निकाल रहा है। रोज निकाल रहा है। यह वही लड़का था जिसे वकील साहब ने पाला था। लड़की ने यह भी बताया कि वह लड़का बैग लेकर जा रहा है और अपने गांव में है। गांव के मकान के बारे में भी उसने बताया कि उस गांव में जहां एक मकान बन रहा है, उस मकान के सामने इस लड़के का घर है। दो भैंसे भी बंधी हुई है। एक औरत बर्तन मांज रही है जो उस लड़के की मां है। उस लड़की ने यह भी बताया कि पैसे बक्से में रखे हैं।

जब यह सब कार्यक्रम चल रहा था तो वह लड़का उस समय कोर्ट में किसी काम से गया हुआ था। वकील साहब ने अपने जूनियर को फोन करके कहा कि उस लड़के को किसी बहाने से तुम मेरे ऑफिस में लेकर आओ। वकील साहब का जूनियर अपने साथ उस लड़के को कोर्ट से लेकर आया। जब वह जूनियर वकील और वह लड़का ऑफिस में घुस रहे थे तो वह लड़की उत्साहित होकर उस लड़के की तरफ इशारा करने कहने लगी कि यही है,यही है।

वकील साहब के सामने समस्या यह थी कि वह इस लड़के से अब किस तरह अपना धन वसूले। वकील साहब ने उस लड़के की मां को बुलवाया। लड़के और उसकी मां से बात की और कहा कि यदि तुमने पैसा ले भी लिया है तो कोई बात नहीं। तुम चुपचाप से मेरे ऑफिस में रख दो। मैं किसी को नहीं बताऊंगा।मैने बचपन से तुम्हें पाला है। तुम मेरे बेटे के समान हो। मैं तुम्हें दुखी नहीं कर सकता। तुमसे ज्यादा मैं दुखी हूंगा अगर यह बात पुलिस के पास गई तो।

अब दोनों मां बेटा वकील साहब से लड़ने लगे कि क्या हम चोर दिखते हैं जो हमे ऐसी बातें कह रहे हो। वकील साहब के घर में बेटी की शादी थी और वह नहीं चाहते थे कि उनकी बदनामी हो। वह नहीं चाहते थे कि अखबार में ये घटना आए कि वकील साहब के घर में चोरी हो गई है इसलिए उन्होंने पुलिस के साथ कुछ तालमेल बिठाया। उनको विश्वास में लिया और उस लड़के को अरेस्ट करा दिया। उस लड़के को अरेस्ट करने के बाद पुलिस ने अपने हिसाब से जांच पड़ताल की। वह लड़का किसी भी तरह से कुछ बताने के लिए तैयार नहीं था। वह यह रट लगा रहा था कि उसने पैसे नहीं चुराए। इसी बीच उसकी माँ गांव के बहुत सारे लोगों को यह कह कर ले आई कि वकील साहब हम पर झूठा इल्जाम लगा रहे हैं और मेरे बेटे को पुलिस ले गई है। पुलिस चौकी में सब गांव लोग घेरा डालकर बैठ गए।

धीरे-धीरे पुलिस वालों ने लड़के के ऊपर दबाव डालना शुरू किया तो इसी बीच एक वकील उस लड़के की जमानत कराने के लिए आ गया। उस वकील को यह नहीं पता था कि यह केस भी एक वकील का ही है । जब उसे यह पता चला कि यह केस वकील के यहां चोरी का है तो वह वकील उस लड़के के पास गया और उसको कहा कि मैं तेरी जमानत करने के लिए आया हूं। अगर तू ने चोरी की है तो तू बता दे। तेरे को मैं पुलिस से छुड़ा दूंगा।वह चोर लड़का पुलिस से तो परेशान हो चुका था इसलिए उसने यह बात मान ली कि उसने ही पैसे चुराए हैं।

पुलिस चौकी का फोन सर्विलांस पर था। पुलिस वालों ने उसके इकबालिया बयान को दर्ज कर लिया। अब लड़के के वकील ने कहा कि जिसके यहां तूने चोरी की है, उस वकील को भी फोन करके बता दे और माफी मांग ले।

जब यह बात पुलिस वालों ने गांव वालों को और उसकी मां को बताई कि उसने यह मान लिया है कि पैसा उसी ने चुराया है।अब वह पैसा लेकर आओ। तब उस लड़के की माँ अपने घर गई और नोटों का बंडल लेकर आई जो उसने वकील साहब के यहां से चुराए थे।

तो यह एक हैरानी की बात थी कि मुस्लिम लोगों में भी इस तरह की पढ़ाई है और उनमें भी तंत्र मंत्र चलता है जिसकी वजह से उस जमाती ने चोर के बारे में बता दिया।

एक सच्ची घटना का वर्णन।

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